by admin on | Jan 18, 2024 09:48 AM
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर- 17 जनवरी 2024 । लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बनने के बाद पहली बार बैकुण्ठपुर जिला अस्पताल पहुंच श्याम बिहारी जायसवाल ने जिला अस्पताल के विभिन्न वार्डों में जाकर निरीक्षण किया तथा मरीजों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त की। मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज सुबह करीब 11 बजे बैकुण्ठपुर स्थित जिला अस्पताल में जाकर वार्डों में भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कई मरीजों से बातचीत भी किए, उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान बैकुण्ठपुर विधायक भइया लाल राजवाड़े, कलेक्टर विनय कुमार लंगेह, पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे। मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि प्रदेश में सभी तरह के स्वास्थ्य सुविधाओं,अधोसंरचना को और मजबूत करना तथा मरीजों को ज्यादा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही उनका बैकुण्ठपुर जिला अस्पताल का दौरा कार्यक्रम था। मंत्री बनने के बाद पहली बार जिला अस्पताल बैकुण्ठपुर पहुंचते ही जिला अस्पताल के डॉक्टरों तथा वहां कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों द्वार गजमाला पहनाकर मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल का जोरदार स्वागत किया गया।
बायोमीट्रिक हाजिरी
विधायक श्री राजवाड़े ने जिला अस्पताल में बॉयोमीट्रिक नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए तत्काल बॉयोमीट्रिक मशीन लगाने के निर्देश दिए ताकि सभी डॉक्टर व स्टाफ समय पर पहुंचे। उन्होंने अस्पताल कार्य को बेहद संवेदनशील बताते हुए कहा कि इसमें न-नुकर वाली कोई गुंजाइश नहीं होती। मरीजों को तत्काल जांच, उपचार और राहत ही अस्पताल की पहचान होनी चाहिए। उन्होंने अस्पताल कर्मियों से कहा कि मरीजों से अच्छे बर्ताव और सहयोगी भावना से कार्य करने के भी निर्देश दिए।
क्वालिटी में कोई समझौता नहीं
स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने ठेकेदार को दो टूक कहा कि किसी भी हालत में अस्पतलाल के निर्माण कार्य में मलिटी में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मटेरियल उच्च गुणवत्ता का ही उपयोग करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री लंगेह को उपयोग में लाए जा रहे, मटेरियल, मलिटी आदि को लोक निर्माण विभाग व हाऊसिंग बोर्ड से जांच कराने के निर्देश दिए। मंत्री श्री जायसवाल ने अस्पताल परिसर जाकर निरीक्षण किया तथा संबंधित ठेकेदार व इंजीनियर को दीवारों व छत में भरपूर पानी तराई करने के निर्देश दिए।
50 बिस्तर वाले मातृ-शिशु अस्पताल को एक माह में पूर्ण करें
छत्तीसगढ़ के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज नए निर्माणाधीन जिला अस्पताल एवं मातृ-शिशु अस्पताल का निरीक्षण किया। श्री लंगेह ने ठेकेदार से जानकारी प्राप्त की कितने दिनों में अस्पताल तैयार हो जाएगा? ठेकेदार ने बताया कि एक माह में 50 बिस्तर वाले मातृ-शिशु अस्पताल (एमसीएच) तैयार हो जाएगा, वहीं 200 बिस्तर वाले जिला अस्पतलाल एक साल में तैयार करने की जानकारी दी।
जिला अस्पताल समय-सीमा में नहीं बनने पर ठेकेदार को फटकार
मंत्री श्री जायसवाल ने समय-सीमा में जिला अस्पताल तैयार नहीं करने पर ठेकेदार को फटकार लगाया। मंत्री ने साफ शदों में कहा कि किसी भी तरह की बहानेबाजी नहीं चलेगी। मंत्री श्री जायसवाल ने ठेकेदार को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि खानापूर्ति वाले काम बिल्कुल न करें, ऐसे करते या जांच में शिकायत मिलने पर कार्यवाही करने की बात भी कही। बता कोरिया जिले के कंचनपुर में यह नया जिला अस्पताल करीब 35 करोड़ रूपए की लागत से डीएमएफ से बनाया जा रहा है, वहीं एनएचएम के सहयोग से 9 करोड़ रूपए की लागत से एमसीएच निर्माण हो रहा है। यह तीन मंजिला अस्पताल बनने से जिले के मरीजों को काफी मदद मिलेगी। निरीक्षण के दौरान बैकुण्ठपुर विधायक भईया लाल राजवाड़े, कलेक्टर विनय कुमार लंगेह,पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल, जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सेंगर सहित बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की होगी पदस्थापना
मंत्री श्री जायसवाल ने जिला अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा कक्ष, माइनर ऑपरेशन कक्ष,कीमोथेरेपी वार्ड, ब्लड बैंक,शिशु वार्ड, सीटी स्कैन कक्ष, डायलिसिस कक्ष, रसोई गृह आदि वार्डों का निरीक्षण किया साथ ही मरीजों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। जिला अस्पताल में जनरल सर्जन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशु विशेषज्ञ व एनेस्थेसिया डॉक्टरों की कमी पर तत्काल मंत्री श्री जायसवाल ने आश्वस्त करते हुए कहा कि शीघ्र ही जिला अस्पताल बैकुण्ठपुर में इन डॉक्टरों की पदस्थापना की जाएगी।
मरीजों से जाना हाल-चाल
केबिनेट मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने वार्ड में भर्ती अजय कोड़मेहरा से स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी ली। मरीज अजय ने बताया कि उन्हें दो-तीन दिन से उल्टी होने के कारण यहां भर्ती हुए हैं। इसी तरह किडनी रोग से पीडि़त डायलिसिस के लिए भर्ती हुए ओमप्रकाश दत्ता तथा श्रीमती महिमा बुनकर ने मंत्री से अपनी समस्याओं को साझा की। मंत्री श्री जायसवाल ने डायलिसिस पीडि़त बुजुर्गों को मुफ्त में दवाई देने तथा किसी भी प्रकार की अन्य शुल्क नहीं लेने की हिदायत भी दिए।
गंभीर मरीजों को तत्काल मेडिकल कॉलेज ले जाने के निर्देश
जिला अस्पताल के निरीक्षण के दौरान गंभीर रूप से मरीजों के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि ऐसे गंभीर मरीजों को पर्याप्त सुविधा तथा सही उपचार के लिए एम्बुलेंस के माध्यम से मेडिकल कॉलेज, अम्बिकापुर या रायपुर ले जाएं।
अस्पताल में तैयार भोजन का लिया स्वाद
मंत्री श्री जायसवाल ने रसोई गृह में जाकर मरीजों को दिए जाने वाले भोजन का स्वाद लेते हुए मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि आज जिस तरह से भोजन की गुणवत्ता बेहतर पाई गई है, उसी तरह नियमित रूप से पौष्टिक, साफ-सुथरा तथा गरम भोजन मरीजों को उपलब्ध कराई जाए। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाए। मरीजों तथा उनके परिजनों के लिए पर्याप्त पीने के पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने गर्मी के पहले वाटर कूलर व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए।
एम्बुलेंस एवं शव वाहन की होगी व्यवस्था
मंत्री श्री जायसवाल ने एम्बुलंेस के संबंध में जानकारी लेने पर अधिकारियों ने बताया कि पुराने एम्बुलेंस खराब हो गया है। तत्काल मंत्री ने नए एम्बुलेंस तथा शव वाहन के लिए कलेक्टर के माध्यम से कार्य योजना बनाकर उपलध कराने के निर्देश दिए तथा पांच एम्बुलेंस एवं दो शव वाहन की व्यवस्था शासन स्तर पर करने का आश्वासन भी दिया।
डॉक्टर व स्टॉफ नियमित रूप से अस्पताल में रहे
निरीक्षण के दौरान बैकुण्ठपुर के विधायक भईया लाल राजवाड़े ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि जिला अस्पताल में डॉक्टर, स्टाफ नर्स,वार्डबॉय आदि नियमित रूप से कार्य करें। उन्होंने सीएमएचओ को निर्देश दिए कि संबंधित डॉक्टरों द्वारा वार्ड के राउण्ड के समय सभी डॉक्टर उपस्थित रहें। ओपीडी के समय डॉक्टर की उपस्थिति नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए कि मरीजों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानियों का सामना करना न पड़े। उन्होंने भविष्य में अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिलने की शिकायत पर कड़ी कार्यवाही करने की बात भी कही।