पत्रकार सुरक्षा विधेयक में संशोधन के लिए देशभर के पत्रकारों ने भरी हुंकार

पत्रकार सुरक्षा विधेयक में संशोधन के लिए देशभर के पत्रकारों ने भरी हुंकार

बिलासपुर में सम्पन्न राष्ट्रीय अधिवेशन में गूंजा एक स्वर – “पत्रकारों की सुरक्षा अब नहीं समझौता”छत्तीसगढ़ में कमजोर सुरक्षा कानून पर उठे सवाल..!सैकड़ों पत्रकारों की उपस्थिति बनी ऐतिहासिक क्षण..!

आदित्य गुप्ता

बिलासपुर। पत्रकारों की सुरक्षा और पत्रकारिता के सम्मान को लेकर देशभर से आए कलम के सिपाहियों ने बिलासपुर की धरती से एकजुटता का ऐतिहासिक संदेश दिया। अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के तत्वावधान में 2 नवम्बर को आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन एवं संगोष्ठी में “पत्रकारिता संरक्षण एवं पत्रकार सुरक्षा कानून विधेयक में संशोधन” को लेकर देशभर के पत्रकारों ने जोरदार हुंकार भरी।

कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से वरिष्ठ पत्रकारों, संपादकों और मीडिया प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मुख्य वक्ता के रूप में श्री शीतल पी. सिंह (दिल्ली), श्री सुनील सिंह बघेल (भोपाल), श्री विश्ववेश ठाकरे (रायपुर), मुख्य अतिथि श्री शंकर पांडेय, विशिष्ट अतिथि श्री दिलशाद खान (महाराष्ट्र), श्री हर हर शंभू (उड़ीसा), श्री जमील खान (मध्यप्रदेश), श्री दिलीप यादव (बिलासपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष), श्री सुनील सिंह (उत्तर प्रदेश), श्री रईस खान (राजस्थान), श्री सदानंद (गोवा), श्री अजय प्रताप सिंह (उत्तर प्रदेश अध्यक्ष, ABPSS), श्री मयूर दान गड़वी (गुजरात अध्यक्ष ABPSS), श्री सरोज जोशी (महाराष्ट्र) एवं श्री गोपाल सिंह (उत्तर प्रदेश) उपस्थित रहे।
अधिवेशन की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जिग्नेश कालावाडिया (गुजरात) ने की।

देश में पत्रकारिता संरक्षण की जरूरत पर जोर दिल्ली से आए वरिष्ठ पत्रकार श्री शीतल पी. सिंह ने कहा कि वर्तमान में केवल तीन राज्यों महाराष्ट्र, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ — में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू है, किंतु सबसे कमजोर व्यवस्था छत्तीसगढ़ की है। उन्होंने कहा,

“छत्तीसगढ़ का कानून पत्रकारों की सुरक्षा से ज्यादा अधिकारियों की सुरक्षा करता है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे तुरंत संशोधित करने की आवश्यकता है।”

उन्होंने यह भी बताया कि अगला पत्रकार सुरक्षा कानून केरल में बन रहा है और उम्मीद जताई कि यह देश में सबसे प्रभावी कानून साबित होगा।

भोपाल से आए श्री सुनील सिंह बघेल और रायपुर के श्री विश्ववेश ठाकरे ने कहा आज पत्रकारिता अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रही है। हमें खुद की एकता से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। जब हम एकजुट होंगे, तब ही कोई हमें दबा नहीं सकेगा।

संगठन की भूमिका और संकल्प

राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जिग्नेश कालावाडिया ने कहा कि अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति पूरे देश में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए संघर्षरत है। उन्होंने कहा, “बिलासपुर का यह अधिवेशन इस बात का प्रमाण है कि देश के पत्रकार अब चुप नहीं बैठेंगे। पत्रकार सुरक्षा कानून में संशोधन अब समय की मांग है, और सरकार को इसे गंभीरता से लेना ही होगा।”

प्रदेश अध्यक्ष श्री गोविंद शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा,

“छत्तीसगढ़ में बना पत्रकार सुरक्षा विधेयक पत्रकारों के हितों की बजाय अधिकारियों की सुरक्षा पर केंद्रित है। अगर सरकार ने इसे जल्द नहीं सुधारा तो प्रदेश का पत्रकार वर्ग सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा।”

एकता ही पत्रकारों की ताकत

कार्यक्रम में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राकेश प्रताप सिंह परिहार, नितिन सिन्हा, दिलशाद खान, राष्ट्रीय महासचिव महफूज खान, रत्नाकर त्रिपाठी, राष्ट्रीय सचिव सुनील चौधरी सहित अनेक वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने विचार रखे। सभी ने एक स्वर में कहा कि पत्रकारिता की रक्षा और लोकतंत्र की मजबूती के लिए पत्रकारों की एकता सबसे बड़ी शक्ति है।

सैकड़ों पत्रकारों की उपस्थिति बनी ऐतिहासिक क्षण

इस अधिवेशन में देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के सभी जिलों और ब्लॉकों से सैकड़ों पत्रकारों ने उपस्थिति दर्ज कराई, जो यह साबित करता है कि पत्रकार अब केवल खबर नहीं लिख रहे बल्कि अपनी सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों के लिए आवाज भी बुलंद कर रहे हैं।

बिलासपुर से उठी यह हुंकार अब केवल एक प्रदेश की नहीं, बल्कि पूरे भारत की आवाज बन चुकी है पत्रकारों की सुरक्षा में अब नहीं कोई समझौता होगा…!

Leave a Comment

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *