by admin on | Dec 30, 2024 03:59 PM
लापरवाही और अनुशासनहीनता पर जिला प्रशासन सख्त: पंचायत सचिव और अधीक्षकों पर गिरी गाज, नए अधीक्षकों की नियुक्ति
शिक्षण संस्थानों में अनुशासनहीनता पर कार्रवाई
भोपालपटनम - जिला प्रशासन ने शासकीय कार्यों में लापरवाही और अनुशासनहीनता के गंभीर मामलों पर सख्त रुख अपनाते हुए पंचायत सचिव और अधीक्षकों पर कार्रवाई की है। प्रशासन ने उच्च अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना और काम में कोताही को लेकर दंडात्मक कदम उठाया है और साथ ही, नई नियुक्तियों के माध्यम से व्यवस्था में सुधार की दिशा में कदम बढ़ाया गया है।
जनपद पंचायत भोपालपटनम के सचिव रिंटु दुर्गम को उच्च अधिकारियों के आदेशों की अनदेखी और प्रधानमंत्री आवास योजना व स्वच्छ भारत मिशन के कार्यों में लापरवाही के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी हेमंत रमेश नंदनवार ने छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा अनुशासन और अपील नियम 1998 के तहत यह कार्रवाई की गई है।
शिक्षण संस्थानों में अनुशासनहीनता पर कार्रवाई
जिला शिक्षा अधिकारी लखन लाल धनेलिया द्वारा किए गए आकस्मिक निरीक्षण में शैक्षणिक संस्थानों में गंभीर अव्यवस्थाएं उजागर हुईं। बालक पोटाकेबिन चिन्नाकोड़ेपाल में अर्धवार्षिक परीक्षा के दौरान 48 छात्रों की अनुपस्थिति और प्रबंधन में खामियों के लिए प्रभारी अधीक्षक अमित कोरसा को दोषी पाया गया, उनके खिलाफ छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत कार्रवाई करते हुए दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोक दी गई। वही बालक पोटाकेबिन दुगईगुड़ा में 18 छात्रों की अनुपस्थिति और व्यवस्थागत लापरवाही के लिए प्रभारी अधीक्षक ककेम मारैया को दोषी पाये जाने के कारण उनकी दो वेतन वृद्धि रोकी गई।
कलेक्टर संबित मिश्रा ने तत्परता दिखाते हुए बालक पोटाकेबिन चिन्नाकोड़ेपाल में अर्धवार्षिक परीक्षा के दौरान 48 छात्रों की अनुपस्थिति और व्यवस्थागत खामियों को लेकर प्रभारी अधीक्षक अमित कोरसा को दोषी पाए जाने के कारण उनके स्थान पर आदिनारायण पुजारी, शिक्षक (एलबी), माध्यमिक शाला कोयाईटपाल को अधीक्षक नियुक्त किया गया है और बालक पोटाकेबिन दुगईगुड़ा में 18 छात्रों की अनुपस्थिति और अनुशासनहीनता के चलते प्रभारी अधीक्षक ककेम मारैया को उनके पद से हटा दिया गया था। उनकी जगह भास्कर बोड़के, शिक्षक (एलबी), माध्यमिक शाला दुगईगुड़ा को नया अधीक्षक नियुक्त किया गया है। दोनों अधीक्षकों को संस्थान में अनुशासन बहाल करने और छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। जिला प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शासकीय कार्यों में लापरवाही और अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।